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Wednesday, March 28, 2012

तेजाब

आज सुबह खबर पढके मन व्यथित हो गया ...

माँ बहन बेटी पुकारते हो
लाड प्यार दुलार देते हो,
जब जीवन संगीनी बन जाती है,
तो क्यूँ अय मर्द दुत्कारते हो ||

कैसी व्यथा है नारी जीवन की,
ये कैसा न्याय तेरी बस्ती में,
खून के आसू रुलाकर उसे
तुम तेजाब में नहलाते हो ||



चित्र साभार गूगुल सर्च

24 comments:

  1. its a barbaric act or rather its cowardly act. its had done in frustration and show the domination only. there is no other reason to these attacks. and shameful.

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  2. इससे बड़ा अत्याचार कुछ हो ही नहीं सकता, पूर्णतया अमानुषिक।

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  3. ओह!! सभ्य और उन्नत समाज की इससे बढ़िया बानगी क्या हो सकती है भला....!!!!
    धिक्कार....

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  4. इस अमानुषिक व्यवहार को देखकर मन को बहुत दुःख होता है !

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  5. इस बात से अक्‍सर मन व्‍यथित होता है ...

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  6. व्यथित करने वाली खबर ।

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  7. आदरणीया तृप्ति बहन
    सस्नेहाभिवादन !

    व्यथित करने वाली रचना है …
    अमानवीय !
    ईश्वर ऐसी परिस्थितियां जहां भी है … निराकरण करे …


    *दुर्गा अष्टमी* और *राम नवमी*
    सहित
    ~*~नवरात्रि और नव संवत्सर की बधाइयां शुभकामनाएं !~*~
    शुभकामनाओं-मंगलकामनाओं सहित…
    - राजेन्द्र स्वर्णकार

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    Replies
    1. धन्यवाद राजेंद्रभाई

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  8. दिल को दहला देने वाली रचना .

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  9. ऐसी पैशाचिक प्रवृत्ति जिसकी कोई माफ़ी नहीं ......दर्दनाक !!!...चित्र और अभिव्यक्ति दोनों !!!!!!

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  10. तृप्ति जी ! बहुत समय बाद आप को देखा ,अच्छा लगा....इस तरह मन को व्यथित करने वाली खबर अकसर छपती रहती है ,और हम पढ़ कर सोचते रह जाते है .कुछ भी कर पाते..यही विड़ंबना है..

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  11. कैसी व्यथा है नारी जीवन की,
    ये कैसा न्याय तेरी बस्ती में,
    खून के आसू रुलाकर उसे
    तुम तेजाब में नहलाते हो ||

    Dukhad... :(

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  12. मन दुखी ही हुआ.

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  13. hello Trupti !!
    thanks 4 visiting me and giving me the opportunity to land here :)

    Lovely blog u have..

    the agony and anger is fantastically expressed... it feels disgusting that something like this can happen... and alas it happens :(

    Awesome expressions !!

    Wish to c u more at Random Scribblings :)

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  14. तिस तिस पर तुर्रा यह खबर बनती है यह अखबार में -

    'प्रेमी ने प्रेमिका के चेरे पर तेज़ाब फैंका 'पति ने पत्नी को तेज़ाब से नहलाया '

    यह कैसा प्रेमी है ?पति है ?आदमी है या वहशी ,हब्शी .कैसी पत्रकारिता है यह .?

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    Replies
    1. धन्यवाद वीरुभाईजी,
      मन बहुत व्यथित होता है ये सब पढकर खास कर वो सब फोटोस देखकर!

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  15. उफ़्फ़!
    ऐसी तस्वीरों से दिल दहलता है।
    ऐसे लोगों का जीने का हक़ नहीं है संसार में।
    कड़ी-कड़ी सज़ा मिलनी चाहिए।

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  16. insaniyat ke andar chipi haivaniyat ki prakashtha hai ye....

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  17. वहशियत की इंतिहा ...

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  18. क्या कहें..इन्सानियत के नाम पर कलंक!!

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टिप्पणी के लिए आपका बहुत धन्यवाद. आपके विचारों का स्वागत है ...

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